मन्नू भंडारी का जीवन परिचय Mannu bhandari ka jivan parichay
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मन्नू भंडारी का जीवन परिचय Biography of Mannu Bhandari
मन्नू भंडारी हिंदी साहित्य में एक प्रसिद्ध कहानीकार के रूप में जानी जाती हैं जिनका जन्म भारत के हृदय प्रदेश अर्थात मध्य प्रदेश के जिले मंदसौर की एक भानपुरा नामक गांव में 3 अप्रैल 1931 में हुआ था।
पिता का नाम सुख संपतराय भंडारी था जो उस समय के एक सुप्रसिद्ध लेखक हुआ करते थे, जबकि उनकी माता जी का नाम अनूप कुमार था। मन्नू भंडारी का वास्तविक नाम महेंद्र कुमार था
किंतु जब वह कहानीकार के रूप में विख्यात हुई तो उन्हें मन्नू भंडारी के नाम से जाना जाने लगा। मन्नू भंडारी का विवाह राजेंद्र यादव से कोलकाता में हो गया था जो एक प्रतिष्ठित लेखक थे।
मन्नू भंडारी बाल्यावस्था से ही बौद्धिक प्रतिभा की धनी थी उन्होंने अपने जीवन काल में नारियों के द्वारा विभिन्न संघर्ष आदि की रचनाएं प्रस्तुत की।
मन्नू भंडारी की शिक्षा और कैरियर Education and career of Mannu Bhandari
मनु भंडारी बाल्यावस्था से ही कुशाग्र बुद्धि की महिला थी, वह पढ़ाई में हमेशा ही अव्वल स्थान प्राप्त किया करती थी। मन्नू भंडारी की प्रारंभिक शिक्षा अजमेर के सावित्री गर्ल्स हाई स्कूल से शुरू हुई थी और उन्होंने यहीं से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की।
इसके बाद उन्होंने अजमेर की कॉलेज से बीए में आज नहीं किया किंतु अध्ययन को बीच में ही छोड़कर अपनी बड़ी बहन सुशीला के पास कलकत्ता पहुंच गए और कोलकाता से बीए हिंदी विषय से पास किया
इसके बाद उन्होंने कोलकाता में अध्यापक के तौर पर इस स्कूल में कार्य नहीं किया, यहीं से उनके जीवन में लेखन का कार्य प्रारंभ हुआ, किंतु कुछ समय के पश्चात उन्होंने हिंदू बनारस विश्वविद्यालय से हिंदी विषय के साथ m.a. की डिग्री प्राप्त की
और वह फिर से अध्यापिका के तौर पर कोलकाता बालीगंज शिक्षा सदन में कार्य करने लगी इसके बाद वह कोलकाता से दिल्ली आ गई और दिल्ली में उन्होंने मिरांडा कॉलेज तथा दिल्ली विश्वविद्यालय में बतौर शिक्षिका के रूप में कार्य किया।
मन्नू भंडारी की रचनाएँ Mannu Bhandari's compositions
मनु भंडारी एक सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्य की लेखिका कहानीकार उपन्यासकार हैं, जिन्होंने हिंदी साहित्य को कई अच्छी रचनाएं प्रदान की है जो निम्न प्रकार से हैं:-
- कहानी
मन्नू भंडारी ने अपने साहित्यिक जीवन में कई कहानियाँ जैसे मैं हार गई, एक प्लेट सैलाब, तीन निगाहों की एक तस्वीर, यही सच है,, त्रिशंकु, आंखों देखा झूठ, अकेली आदि लिखी है।
- उपन्यास
मन्नू भंडारी के प्रमुख उपन्यास एक इंच मुस्कान , आपका बंटी, महाभोज आदि है।
- पटकथाएँ
मन्नू भंडारी ने कई पटकथाएँ जैसे रजनी, निर्मला, स्वामी, दर्पण आदि लिखी है।
इसके आलावा उनके प्रमुख नाटक बिना दीवारों का घर और महाभोज का नाट्य रूपान्तरण है और आत्मकथा
एक कहानी यह भी प्रौढ़ शिक्षा के लिए: सवा सेर गेहूँ आधिक विख्यात है।
मन्नू भंडारी की भाषा शैली Bhasha Shaili of Mannu Bhandari
मन्नू भंडारी एक सुप्रिसिद्ध कहानीकार है, उन्होंने अपनी कहानियों के माध्यम से वर्तमान नारियों के संघर्ष का वर्णन बड़ी ही सरल सहज़ और प्रभावपूर्ण भाषा में किया है। मन्नू भंडारी ने अपनी रचनाओं में शुद्ध परिषकृत भाषा को स्थान दिया है,
किन्तु कहीं - कहीं विभिन्न भाषाओं के शब्दों का मिलाजुला प्रयोग भी देखने को मिलता है। आपकी रचनाओं में अंग्रेजी, फारसी उर्दू तत्सम शब्दों के साथ देशज शब्दों की बहुलता देखने को मिलती है।
उन्होंने कहानियों में वर्णनात्मक शैली का प्रयोग किया है, किंतु कुछ रचनाओं में समास शैली और संवाद शैली का प्रयोग भी एक साथ देखने को मिलता है जिससे मन्नू भंडारी की भाषा शैली परिमार्जित और प्रभावपूर्ण हो जाती है।
मन्नू भंडारी को पुरुस्कार Award to Mannu Bhandari
मन्नू भंडारी को अपने लेखन कार्य के लिए विभिन्न प्रकार के पुरस्कारों से नवाजा गया जो निम्न प्रकार से हैं:-
- मन्नू भंडारी को महाभोज 1980-1981 के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा जबकि भारतीय भाषा परिषद कोलकाता द्वारा 1982 में सम्मानित किया गया जबकि काला-कुंज सन्मान नई दिल्ली में विशेष सम्मान दिया गया।
- मन्नू भंडारी को भारतीय संस्कृत संसद कथा समरोह (भारतीय संस्कृत कथा कथा), कोलकाता द्वारा 1983 में पुरुस्कृत किया गया जबकि बिहार राज्य भाषा परिषद (बिहार राज्य भाषा परिषद), 1991 में और राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, 2001- 02 मन्नू भंडारी को सम्मान प्राप्त हुआ।
- महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी (महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी), 2004 में हिंदी अकादमी, दिलीली शालका सन्मैन, 2006- 07
- मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन (मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन), भवभूति अलंकरण, 2006- 07
- के.के. बिड़ला फाउंडेशन ने उन्हें अपने काम के लिए 18 वें व्यास सम्मान के साथ प्रस्तुत किया, एह कहानी यहे भी, एक आत्मकथात्मक उपन्यास के लिए सम्मान प्राप्त हुआ। इसके आलावा कई साहित्य सम्मान मन्नू भंडारी ने प्राप्त ही नहीं किए, जिनमें पद्म श्री पुरुस्कार भी शामिल है।
मन्नू भंडारी का साहित्य में स्थान Place of Mannu Bhandari in literature
मन्नू भंडारी एक महान साहित्य प्रेमी और अध्यापक रहीं है, उन्होंने अपने जीवन में हिंदी साहित्य को कई महत्वपूर्ण रचनाएँ प्रदान की है, ऐसी महान कला प्रेमी और अध्यापक को हिंदी साहित्य में हमेशा सम्मान के साथ याद किया जायेगा।
दोस्तों यहाँ पर आपने मन्नू भंडारी का जीवन परिचय (Biography of Mannu Bhandari) को पढ़ा। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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