पोषण किसे कहते हैं इसके प्रकार what is nutrition and type
- इसे भी पढ़े:- जंतुओ में पोषण
पोषण किसे कहते हैं what is nutrition
समस्त प्रकार के जीवधारी विभिन्न प्रकार के कार्य करते हैं, और उन कार्यों को करने के लिए उन्हें ऊर्जा (Energy) और शक्ति (Power) की आवश्यकता होती है।
इसलिए वह अपने बाहय वातावरण से विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थों को खाते हैं, और उनसे ऊर्जा प्राप्त करते हैं, जिससे वे विभिन्न प्रकार के कार्यों को कर सकें,
इस क्रिया विधि को ही पोषण (Nutrition) कहा जाता है। साधारण शब्दों में कह सकते हैं, कि पोषण एक प्रकार की वह जैव रासायनिक क्रिया है,
जिसके अंतर्गत समस्त प्रकार के जीव जंतु अपने बाहय वातावरण (External Environment) से भोज्य पदार्थों को इकट्ठा करके ग्रहण करते हैं। तथा इन से मुक्त होने वाली ऊर्जा से अपने शरीर का विकास और कार्य करते हैं, वह विधि पोषण कहलाती है।
- इसे भी पढ़े:-
पोषण परिभाषा Nutrition definition
कई वैज्ञानिकों / मनोवैज्ञानिको ने अपने अनुसार पोषण की परिभाषा (Definition) दी हैं, जिनमें से कुछ वैज्ञानिकों की परिभाषाएँ निम्न प्रकार से हैं:-
- चैंबर्स डिक्शनरी के अनुसार - पोषण का अर्थ है, एक्ट और प्रोसेस ऑफ नरिसिंग (Act and Process of Nursing) अर्थात भोजन चूषक कार्य अथवा प्रक्रिया जहाँ पर चूषक शब्द का अर्थ है, कि भोजन के प्रमुख तत्वों को खींचकर शरीर का एक अंग बनाना।
- टर्नर के अनुसार - पोषण शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओं का एक संगठन है, जिसके द्वारा जीवित प्राणी ऐसे पदार्थों को ग्रहण तथा उपयोग करता है, जो शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करता है, वृद्धि करता है, तथा शारीरिक टूट-फूट की मरम्मत भी करता है।
पोषण की आवश्यकता requirement of Nutritional
प्रत्येक प्रकार के छोटे या बड़े जीवो में पोषण अति आवश्यक होता है। क्योंकि इससे ऊर्जा मिलती है, अतः पोषण के बिना जीवन (Life) ही असंभव है।
विभिन्न प्रकार के कार्य करने के लिए, रोगों से बचाव के लिए, ऊर्जा उत्पादन के लिए, शरीर की वृद्धि के लिए, आनुवांशिक लक्षणों की वंशागति के लिए, भोज्य पदार्थों को ग्रहण करके ऊर्जा प्राप्त करना पड़ता है।
इसीलिए पोषण की आवश्यकता भी होती है, जो भी व्यक्ति या जीव पृथ्वी पर जन्म लेता है। वह किसी न किसी रूप में अपना पोषण अवश्य करता है,
क्योंकि पोषण ही जीवन का आधार (Base of life) है, और पोषण के अभाव में व्यक्ति या जीव की मृत्यु तुरंत हो जाती है।
पोषण कितने प्रकार के होते हैं What are the types of nutrition
पोषण poshan kitne prakar ke hote hain पोषण दो प्रकार के होते हैं, स्वपोषी पोषण और विषमपोषी पोषण
- स्वपोषी पोषण किसे कहते हैं what is autotrophic nutrition
स्वपोषी पोषण वह पोषण होता है, जिसमें जीवधारी अपने भोज्य पदार्थ के लिए किसी अन्य जीव या वनस्पति पर निर्भर (Dependent) नहीं करते, अर्थात स्वपोषी पोषण में जीवधारी अपना भोजन (Foods) स्वयं बनाते हैं।
इस पोषण के अंतर्गत उन सभी जीवधारियों को रखा गया है, जो क्लोरोफिल युक्त होते हैं, क्योंकि यह क्लोरोफिल, सूर्य का प्रकाश, जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड की सहायता
से भोजन ( ग्लूकोस ) तथा ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं। उदाहरण के लिए प्रमुख रूप से हरे पौधे स्वपोषी पोषण प्रदर्शित करते है।
- विषमपोषी पोषण किसे कहते हैं what is heterogeneous nutrition
विषमपोषी पोषण वह पोषण होता है, जिसमें जीवधारी अपने भोजन के लिए अन्य जीव धारियों तथा वनस्पतियों पर निर्भर करते हैं।
इनमें उन सभी जीव धारियों को शामिल किया गया है, जिनमें क्लोरोफिल (Chlorophyll) नहीं पाया जाता और यह अपना भोजन स्वयं नहीं बना पाते हैं. जैसे- शेर हिरन सुआरा आदि
विषमपोषी पोषण को निम्न प्रकार से बांटा गया है:-
- जंतु सम / प्राणी सम पोषण (Animal feed)- इस प्रकार के पोषण में ठोस प्रकार के भोज्य पदार्थ ग्रहण किए जाते हैं. अधिकतर जीव जंतु इसी प्रकार का पोषण दर्शाते हैं।
- मृतजीवी पोषण (Survival nutrition) - इस पोषण में जंतु मृत कार्बनिक पदार्थों को भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं इसके अंतर्गत जीवाणु तथा अन्य सूक्ष्मजीवों को रखा गया है।
- परजीवी पोषण (Parasitic nutrition) - परजीवी पोषण वह पोषण होता है, जिसमें एक जीव दूसरे जीव पर भोजन के लिए पूरी तरह से निर्भर रहता है, जिस प्रकार से प्लाज्मोडियम (Plasmodium)
पोषक तत्व किसे कहते हैं What is nutrient
ऐसे तत्व जो शरीर को पोषण प्रदान करने वाले होते हैं, जिनसे ऊर्जा और शक्ति मिलती है, उन तत्वों को पोषक तत्व के नाम से जाना जाता है.
पोषक तत्व विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थों (Chemical substances) का संयोजन होते हैं, लगभग 50 रासायनिक पदार्थ शरीर के पोषण के लिए उत्तरदाई होते हैं, जिन्हें निम्न 6 समूहों में बांटा गया है।
- कार्बोहाइड्रेट Carbohydrate
कार्बोहाइड्रेट वे पोषक पदार्थ होते हैं, जिनका भोज्य पदार्थों में विशेष स्थान होता है। क्योंकि यह भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सभी जीव जंतुओं का मुख्य पोषक पदार्थ (Main nutrients) होता है।
दैनिक कार्य करने के लिए, सभी प्रकार की गतिविधियों के लिए, कार्बोहाइड्रेट्स की अतुलनीय भूमिका होती है। कार्बोहाइड्रेट्स कार्बन (Carbon) हाइड्रोजन (Hydrogen) और ऑक्सीजन (Oxigen) से मिलकर बने होते हैं।
जिस में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अनुपात जल के समान अर्थात 2:1 होता है। कार्बोहाइड्रेट शरीर को लगभग 70% ऊर्जा (Energy) प्रदान करते हैं।
कार्बोहाइड्रेट्स, चावल, मक्का, गेहूं, बाजरा, चुकंदर, शकरकंद तथा विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थ में उपस्थित होता है। कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates) तीन प्रकार का होता है।
- मोनोसैकेराइड (Monosaccharide)
- डाईसैकेराइड (Disaccharide)
- पालीसैकेराइड (Polysaccharide)
- प्रोटीन Protein
प्रोटीन भी एक प्रकार के कार्बनिक योगिक (Organic Compound) होते हैं, जो कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिलने से बनते हैं। प्रोटीन का हमारे आहार में सबसे प्रमुख स्थान होता है।
क्योंकि यह शरीर की वृद्धि विकास (Growth development) और टूट-फूट की मरम्मत करने के लिए उत्तरदाई होता है। प्रोटीन के द्वारा ही रक्त मांसपेशियाँ, तंतु, त्वचा, बाल आदि निर्मित होते हैं।
इसलिए जीवित रहने के लिए प्रोटीन बहुत ही आवश्यक होती है। अधिकतर एंजाइम्स, हारमोंस, एंटीजन, एंटीबॉडी सब प्रोटीन के ही बने होते हैं।
प्रोटीन मुख्य रूप से दालों में अनाज में चावल में दूध में तथा मांसाहारी पदार्थ (Non-vegetarian food) में भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- वसा Fat
वसा कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की तरह ही कार्बनिक योगिक होते हैं, जो प्रकृति में बहुतायत में उपलब्ध हैं, वसा गिलिसरीन (Glycerin) तथा वसीय अम्ल (fatty acids) का मिश्रण होता है।
जिन्हें छूने पर चिकनाई महसूस होती है। 1 ग्राम वसा से लगभग शरीर को 9 कैलोरी ऊर्जा की प्राप्ति होती है। वसा मुख्यत: प्राकृतिक तेल, सूरजमुखी, मूंगफली, पनीर दूध, मक्खन, मछली मांस में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।
- खनिज लवण Mineral salts
वे अकार्बनिक पदार्थ जो हमारे शरीर के लिए सूक्ष्म मात्रा में आवश्यक होते हैं। किंतु अपनी उपस्थिति के कारण ही विभिन्न प्रकार की अभिक्रियाओ को सुचारू रूप से चलाने में सहायता प्रदान करते हैं.
उन्हें खनिज लवण कहा जाता है। मानव शरीर में लगभग 24% खनिज लवण विद्यमान होते हैं। खनिज लवण हमारे शरीर का महत्व 4% भाग बनाते हैं।
किंतु यह वृद्धि और विकास के लिए परम आवश्यक होते हैं। जिनमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सल्फेट, सोडियम, क्लोरीन, मैग्नीशियम मुख्य खनिज लवण के अंतर्गत आते हैं।
इसके साथ ही सूक्ष्म खनिज लवण के अंतर्गत लोहा, मैग्नीज, तांबा, आयोडीन, कोबाल्ट, क्लोरीन आदि को शामिल किया गया है।
- विटामिन Vitamin
विटामिन कार्बनिक पदार्थ होते हैं, जो शरीर में भोज्य पदार्थों के द्वारा पहुंचते हैं। तथा अपनी उपस्थिति के कारण विभिन्न प्रकार की चयापचय क्रियाओं (Metabolic activities) में मदद करते हैं।
तथा शारीरिक वृद्धि तथा विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विटामिन दो प्रकार के होते हैं, जल में घुलनशील विटामिन और वसा में घुलनशील विटामिन जल में घुलनशील विटामिन
विटामिन बी (Vitamin-B) और विटामिन सी (Vitamine-C) होते हैं, जबकि वसा में घुलनशील विटामिन विटामिन ए (Vitamin-A) विटामिन डी (Vitamin-D) विटामिन ई (Vitamin-E) विटामिन के (Vitamin-K) होते हैं।
यह सभी अस्थि, दातों, त्वचा, बाल, आंखों, संबंधी विभिन्न अंगों की क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए लाभदायक और महत्वपूर्ण सिद्ध होते हैं।
- जल Water
जल जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है। ऑक्सीजन (O2) के बाद दूसरा पदार्थ जल ही है, जो हम सभी के लिए अत्यंत आवश्यक है।
इसके बिना जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती। जल में कोई भी प्रकार के पौष्टिक आहार नहीं होते और ना ही यह हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।
किंतु जल शरीर में होने वाले विभिन्न प्रकार की चयापचय क्रिया में अपना योगदान देते हैं। जल का रासायनिक फार्मूला H2O होता है, जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिश्रण से बना होता है।
दोस्तों इस लेख में आपने पोषण किसे कहते है, (What is nutrition) पोषण के प्रकार तथा पोषक तत्वों के बारे में पढ़ा आशा करता हुँ यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।
- इसे भी पढ़े:-
0 टिप्पणियाँ