कुपोषण के कारण होने वाले रोग Diseases caused by malnutrition
कुपोषण एक स्वस्थ्य के क्षेत्र में जाना परिचित शब्द है जो यह बताता है कि सही भोज्य पदार्थो में कमी होना तथा कई बीमारियों का शिकार होना। यहाँ पर आप कुपोषण से होने वाले रोग के बारे में जानेंगे तो आइये पढ़ते है, यह लेख (Diseases caused by malnutrition) कुपोषण के कारण होने वाले रोग:-
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कुपोषण के कारण होने वाले रोग diseases caused by malnutrition
पोषण की कमी के कारण बालकों को अनेक बीमारियां हो जाती है। इनमें से कुछ निम्नलिखित है:-
अतिसार Diarrhea
अतिसार को डायरिया के नाम से भी जाना जाता है जो एक सामान्य बीमारी है तथा यह बीमारी आसामन्य खानपान से हो जाती है और इस बीमारी के कारण भोजन नहीं पचता ,बच्चों को बड़ी बेचैनी होती है।
इस बीमारी का कारण लंबे समय तक अपूर्ण भोजन का शिकार रहना है। इस बीमारी में हल्के पतले दस्त होने लगते हैं और लगातार दस्त होने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है तथा सही उपचार ना मिलने के कारण कई बार देवी की मृत्यु भी हो जाती है इसलिए अतिसार रोग में ओआरएस का घोल नमक नींबू पानी का घोल तथा डॉ उपचार जल्द से जल्द कराना चाहिए।
पेचिस Peaches
पेचिस पेट की खराबी आदि के कारण होती है, अर्थात पाचन तंत्र का ही एक रोग है, जो डायरिया से स्थाई रूप धारण कर लेती है। पेचिश एक संक्रमण रोग है जो शिगेला और एंटामोइबा (परजीवी) के कारण फैलता है, इस रोग में लगातार हल्के पतले दस्त होते हैं और लगातार दस्त होने से शरीर में जकड़न शरीर में रक्त कम बनता है और व्यक्ति निरंतर दुबला पतला होने लगता है, तथा सही उपचार ना मिलने के कारण उसकी मृत्यु तक हो जाती है।
बेरीबेरी Beriberi
यह बीमारी विटामिन बी कांपलेक्स के विटामिन बी1 की कमी के कारण उत्पन्न हो जाती है, इस रोग में सर्वाधिक तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है इस रोग से ग्रसित व्यक्ति तथा बच्चा ठीक प्रकार से चल नहीं पाता है हृदय संबंधी रोग हो जाते हैं तथा शरीर कमजोर होने लगता है। बेरी बेरी रोग को दूर करने के लिए हमें संतुलित आहार के साथ हैं विटामिन बी1 युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए।
स्कर्वी Scurvy
स्कर्वी रोग विटामिन सी जिसे एस्कोरबिक एसिड के नाम से भी जाना जाता है की कमी से होने वाला एक रोग है। यह रोग कुपोषण एवं विटामिन सी की कमी के कारण उत्पन्न होता है। इस रोग में मसूड़ों में जखम होने लगता है तथा खून आता है इस रोग से बचने के लिए हमें विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि अधिकतर खट्टे फल आमला आम आदि का भरपूर मात्रा में प्रयोग करना चाहिए।
क्षय रोग Tuberculosis disease
क्षय रोग तपेदिक ट्यूबरकुलोसिस आदि के नाम से भी जाना जाता है जिसका प्रमुख कारण कुपोषण अनियमित और अनुपयुक्त आहार होता है। यह एक ऐसा रोग है जो एक प्रमुख जीवाणु ट्यूबरकुलोसिस के द्वारा होता है और इस रोग में लगातार खांसी के साथ ही खांसी में खून का आना शुरू हो जाता है फेफड़ों में छाले हो जाना शरीर कमजोर पड़ जाना इस रोग के प्रमुख लक्षण है। इस रोग के उपचार के लिए हमें तुरंत ही उपयुक्त चिकित्सक पर जाना चाहिए तथा चिकित्सक के अनुसार परामर्श का उपचार लेना चाहिए।
कब्ज Constipation
बच्चों द्वारा सड़े गले वरिष्ठ पदार्थ खाने के कारण कब्जियत की बीमारी हो जाती है। पेट में दर्द पेट फूलन और डकार उल्टी बुखार इसके प्रमुख लक्षण होते हैं। कब्ज छुटकारा पाने के लिए हमें संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए जिसमें गाजर मूली पपीता आम जैसे फलों का उपयोग करना अधिक लाभकारी होता है इसके अलावा चिकित्सक से उपचार भी प्राप्त करना चाहिए।
सूखा रोग Sookha rog
कुपोषण के कारण बच्चों को सूखा रोग हो जाता है। यह रोग विटामिन डी (कैल्सीफेरोल) की कमी से होने वाला रोग है इसमें शरीर सुख जाता है और पेट बढ़ता जाता है, हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं चेहरे की कांति समाप्त हो जाती है। यह रोग कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण हो जाता है। इस रोग से छुटकारा पाने के लिए हमें सुबह हल्की धूप में घूमना फिरना चाहिए तथा विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि दूध मांस मीट मछली अंडा का उपयोग भी करना चाहिए।
जुकाम और नाक बहना Cold and runny nose
अपूर्ण पोषण के कारण अन्य कई ऐसे कारण हैं जैसे कि नशा करना गले में दर्द होना तंबाकू का सेवन करना धूम्रपान करना तथा कई हार्मोनल रोग है जिसके कारण जुकाम और नाक बहने का रोग होता है जबड़ो और बच्चों को भी हो जाता है। इस रोग से बचने के लिए हमें एंटीवायरल मेडिसिन का उपयोग करना चाहिए जबकि कुछ घरेलू उपाय जैसे कि अदरक और तुलसी की चाय पीने से भी धीरे-धीरे लाभ हो जाता है।
पेट में कीड़े पढ़ना Stomach worms
अपूर्ण तथा अनियमित पोषण के कारण बच्चों के पेट में कीड़े चूने पड़ जाते हैं, जिसके कारण बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है और दांत किटकिटाने लगता है। बच्चा धीरे-धीरे कमजोर भी पड़ जाता है इन कीड़ों व केंचुआ का आंतों पर घातक प्रभाव पड़ता है। बच्चों के पेट में विभिन्न दिशाओं में राउंडवॉर्म, पिनवॉर्म, व्हिपवर्म, फ्लूक और टैपवार्म उत्पन्न होने लगते हैं और यह बच्चे के पाचन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करते हैं किसी भी स्थिति में आप तुरंत ही एक किसी उपयुक्त चिकित्सक के पास परामर्श और उपचार अवश्य लें।
नेत्र दोष Eye defect
कुपोषण के कारण तथा विटामिन ए (रेटीनॉल) की कमी के कारण बच्चों में कई प्रकार के नेत्र दोष हो जाते हैं जैसे कम दिखना, आंखें सूजना ,रतौंधी आदि। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को विटामिन ए से युक्त खाद्य पदार्थ जिस में प्रचुर मात्रा में गाजर का सेवन करना चाहिए यदि समस्या अधिक हो रही है तो किसी नेत्र चिकित्सक की सलाह लेकर उचित उपचार भी प्राप्त करना चाहिए।
रिकेटस Rickets
यह रोग बच्चो में विटामिन डी की कमी के कारण होता है। इसके कारण है सूर्य के प्रकाश का अभाव ,दोषपूर्ण भोजन तथा घर का अस्वस्थ वातावरण यह रोग 3 वर्ष के बच्चों तक को होता है, जिसमें बच्चे की शरीर की हड्डियां सूख जाती हैं और पतली होकर मुड़ जाती हैं बच्चे का शरीर अनियमित आकार का हो जाता है ऐसी स्थिति में तुरंत उपयुक्त चिकित्सक से उपचार लेना चाहिए।
एनीमिया Anemia
कुपोषण और लौह लवण की कमी के कारण रक्त हीनता एनीमिया हो जाता है। बच्चा इससे काफी कमजोर हो जाता है। इनके अलावा प्रोटीन लेवल ,आयोडीन ,आदि की कमी के कारण हड्डी कद बढ़ाने आदि से संबंधित रोग भी हो जाते है। इस स्थिति में हमें लोहा युक्त खाद्य पदार्थ जिसमें चुकंदर गाजर अनार तथा आयरन की गोलियों का सेवन चिकित्सक के करने से एनीमिया से छुटकारा मिल जाता है।
दोस्तों यहाँ पर आपने कुपोषण के कारण होने वाले रोग Diseases caused by malnutrition के बारे में पढ़ा, आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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